हब एंड स्पोक मॉडल के जरिये चल सकती हैं चंडीगढ़ से इंटरनेशनल फलाइट्स !
Hub and Spoke Model
पंजाब के 125 सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पूर्व सिविल एविएशन मंत्री हरदीप पुरी से की मुलाकात
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने मांग की कि चंडीगढ़ को दुनिया से किया जाए वैल कनेक्ट
चंडीगढ़, 27 अक्तूबर (साजन शर्मा): शहीद भगत सिंह एयरपोर्ट, चंडीगढ़ का तमाम इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होने के बाद भी अभी तक यहां से इंटरनेशन फ्लाइट शुरू नहीं की जा सकी है। इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। महज अरब के चंद देशों को फिलहाल यहां से फ्लाइट जा रही है।
इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की कनेक्टीविटी भी पूरी दुनिया के साथ सही नहीं है।
कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के वाइस चेयरमैन डा. पीजे सिंह ने बताया कि जीएमआर कंपनी के हैड ने इंटरनेशनल फलाइट्स को लेकर फिलहाल कई दिक्कतें गिनाई हैं। जैसे कोई भी कंपनी जिसने यहां से किसी विशेष देश या गंतव्य के लिए फ्लाइट शुरू करनी है, उसे इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू करने के लिए एक फिक्स नंबर तक यात्रियों की जरूरत रहेगी। फिलहाल इसकी गारंटी नहीं हो पा रही है जिसके चलते फ्लाइट ऑपरेट करने में दिक्कतें आ रही हैं और कोई भी कंपनी फ्लाइट ऑपरेट करने का रिस्क लेने को तैयार नहीं। उन्होंने बताया कि जैसे ही एयरलाइंस कंपनियों को जरूरत के हिसाब से यात्रियों की गारंटी मिलेगी, इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू हो जाएगी।
पंजाब से 125 लोगों का प्रतिनिधिमंडल पीएम से मिला
चंडीगढ़ से इंटरनेशनल फ्लाइट्स चलाने को लेकर सीआईआई के वाइस चेयरमैन डॉ. पीजे सिंह सहित करीब पंजाब से संबंधित 125 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के साथ साथ इंडस्ट्री, संस्कृति व राजनीति के तमाम मुद्दों को लेकर उनसे बातचीत की। इस क्षेत्र को एयर व रेल से बेहतर तरीके से कनेक्ट करने का अनुरोध किया। चंडीगढ़ से इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू करने को लेकर प्रधानमंत्री से विशेष रिक्वेस्ट की गई। प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व सिविल एविएशन मंत्री हरदीप पुरी से भी मुलाकात की। इन्हें आश्वासन दिया गया कि जो मुद्दा उठाया वह बिलकुल सही है लेकिन कुछ दिक्कते हैं जो फिलहाल सामने हैं। इन्हें दूर करने की कोशिश हो रही है। उम्मीद है कि जल्द ही चंडीगढ़ से इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू की जा सकेंगी।
डॉ. पीजे सिंह के अनुसार प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री व पूर्व सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप पुरी को यह भी बताया कि एयरलाइंस एजेंसी या कंपनियां हब एंड स्पोक मॉडल के जरिये इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू कर सकती हैं। इसमें नई दिल्ली का इंटरनेशनल एयरपोर्ट हब के तौर पर काम करेगा। टिकट प्रदान करने व कस्टम क्लीयरेंस इत्यादि का काम चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर ही हो जाएगा। यात्री को अपना लगेज उसी डेस्टीनेशन पर मिलेगा जिस जगह उसे पहुंचना है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार भी जीएमआर से हब एंड स्पोक मॉडल को लेकर बात कर रही है। देखने वाली बात यह होगी कि कहां रजामंदी बनती है।
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इंटरनेशनल फ्लाइट न होने से पांच-छह राज्यों की अर्थव्यवस्था प्रभावित
सीआईआई के वाइस चेयरमैन डॉ. पीजे सिंह ने बताया कि अभी पांच से छह राज्यों जिसमें जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ शामिल हैं के लोगों को अगर किसी इंटरनेशनल डेस्टीनेशन पर पहुंचना है तो उन्हें दिल्ली के इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फ्लाइट पकडऩी पड़ती है। इससे करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। पहले टैक्सी या अपनी कार के जरिये यात्री दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचता है। इन राज्यों के लोगों को आने जाने में ही पेट्रोल व डीजल पर भारी भरकम राशि खर्च करनी पड़ती है। अब पेट्रोल व डीजल ऐसी मद है जिसे केंद्र सरकार आयात करती है लिहाजा इसकी ज्यादा खपत के चलते रुपये पर भार पड़ता है। रुपया डॉलर के मुकाबले निचले स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में विदेशी विनिमय (फोरेन एक्सचेंज) पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है क्योंकि पेट्रोल-डीजल का इंपोर्ट बिल चुकाने में ज्यादा डॉलर चुकाने पड़ते हैं। इससे इन पांच छह राज्यों की आर्थिक व्यवस्था पर तो बोझ पड़ ही रहा है, केंद्र को भी इकनोमिक फ्रंट पर बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। हजारों लोगों के दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट जाते वक्त एक्सीडेंट होते हैं क्योंकि भागदौड़ में परेशानियां रहती हैं। दिल्ली में ट्रैफिक जाम एक अन्य समस्या है जिससे इन यात्रियों को रुबरू होना पड़ता है। कई घंटे भीड़भाड़ वाले ट्रैफिक में ही गुजारने पड़ते हैं। एक बड़ा समय इस सारी कसरत में व्यय होता है। दूसरी तरफ प्रदूषण दिल्ली में लगातार बढ़ रहा है जिसे बढ़ाने में यह गाडिय़ां भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को प्रेक्टिकल तरीके से सोचना चाहिए ताकि चंडीगढ़ के शहीद भगत सिंह एयरपोर्ट से इंटरनेशनल फ्लाइट का संचालन हो सके फिर चाहे इसे हब एंड स्पोक मॉडल के जरिये ही क्यों न शुरू किया जाए। प्रधानमंत्री के पांच ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के सपने को तभी पंख लग सकते हैं अगर इन पहलुओं पर तत्काल ध्यान दिया जाए। इससे क्षेत्र में उद्योग न केवल विकसित होगा बल्कि मजबूत होकर उभरेगा।